कल यानि २७ मार्च शनिवार को समस्त विश्व "पृथ्वी घंटा - २०१०" मानाने की तैयारी में जुटा है, "पृथ्वी घंटा" अभियान २००७ में सिडनी, आस्ट्रेलिया के करीब २२ लाख परिवारों एवं कारोबारिओं द्वारा एक घंटे के लिए बिजली का उपयोग नहीं कर, वातावरण/जलवायु परिवर्तन के जागरूकता स्वरूप अपना रुख अभिव्यक्त करने के लिए शुरू किया गया| भारत देश में यह अभियान फिछले साल २००९ को शुरू किया गया|
पृथ्वी घंटा 27 मार्च शनिवार को रात्री 8:30 से 9:३० तक होता है| जलवायु में तेजी से हो रहे परिवर्तन के के बचाव स्वरूप यह एक वैश्विक ज़ज्बा बन गया है| आप भी इसमें भाग लें और अपने आस-पास के लोगों में भी इसके प्रति जागरूकता फैलाएं, ये न सोचें की, अरे! १ घंटे बिजली बचा के क्या उखड़ जायेगा, बिजली की इतनी चोरी एवं बर्बादी होती है तो इस एक घंटे से कितना बचया जा सकेगा? सोचे बूंद-बूंद से ही सागर बना है, यदि हम विश्व के समस्त लोग एकजुट हो एकसाथ एक ही कार्य को अंजाम दें तो उसका कितना प्रभावशाली असर सामने आएगा! अभी से ही यह इंतजाम कर लें की कल रात्रि ८:३० से ९:३० तक बिजली का इस्तेमाल नहीं करना है और उसके अनुरूप कोई वैकल्पिक इन्तेजाम भी कर लें ताकि ज्यादा परेशानी न होने पाए|
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