Saturday, November 14, 2009

मुंबई समेत पश्चिमी महाराष्ट्र में भूकंप के झटके



शाम को करीब ६:३० बजे टी. वी देख रहा था की अचानक युं लग जैसे पलंग हिलने लगा हो, मैंने चौंकते हुए जोर से पुछा, “मम्मी, दीदी भुकम्प आया क्या? अभी एसा लगा जैसे पलंग हिल रहा था कि जैसे भुकंप आ रहा हो!!!!’ मम्मी ने कहा ’नहीं तो एसे ही लगा होगा, कुछ नहीं हुआ, कभी-कभी ऎसा लगता है’। लेकिन मेरे मन में शंका बनी ही रही की नहीं भुकंप तो जरूर ही आया था, पूरा पलंग दाएं-बाएं हिलने लगा था यह एक या उससे भी कम सेकंड के लिये महसुस हुआ। घर में सभी ने कहा की कुछ नहीं हुआ बस एक शन्का ही हुआ होगा। फिर मैंने भी यही सोचा की हो सकता है की वहम ही हो, कभी कभी हाथ हीलाते या उठते बैठते समय अचानक करंट लगने जैसा महसुस होता है तो शायद वैसा ही कुछ आभास हुआ होगा।

फ़िर करीब ८ बजे समचार में बताया गया कि पश्चिमी महाराष्ट्र में रिएक्टर स्केल पर ४.५ के करीब भुकंप के झटके महसुस किये गये हैं…… हे भगवान, सच में भुकंप हि था!!! मेरे तो जैसे होश ही उड गये, समचार में बताये अनुसार यह हल्का सा झटका था इसमें नुकसान की कोइ बडी खबर कहीं से नहीं आयी है। अनुमान से इसका केन्द्र कोयना बान्ध को बताया जा रहा था। संवाददाता नें कहा की मानव अपनें फ़ायदे के लीये प्रकृती से खिलवड करते हैं जिसका खामियाजा भी मानव को ही झेलना पडता है।

इससे पहले लातुर और भुज में आये भुकंप के दौरान भी मुझे हल्के झटके का आभास हुआ था, तब बहुत ही भयंकर तबाही और त्रासदी झेलनी पडी थी यह तो सभी जानते हैं। ईश्वर कि असीम कृपा रही की इस दफ़ा ऎसा कुछ नहीं हुआ।




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http://www.breakingnewsonline.net/2009/11/mild-earthquake-hits-mumbai-and-parts.html

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